Deewane Ki Deewaniyat Movie Review : Harshvardhan Rane, Sonam Bajwa, Shaad Randhawa, Karan Veer Mehra
Movie Title: Ek Deewane Ki Deewaniyat 2025 Hindi
Release Date: 2025-10-21
Runtime: 2h 21m
Genres: Romance, Drama, Thriller
Language: Hindi
Director: Milap Zaveri
Writer: Milap Zaveri, Mushtaq Sheikh, Kunaal Vermaa, Asim Raza, Rana Sotal, Sameer Anjaan, Sachin Urmtosh, Prince Dubey
Actors: Harshvardhan Rane, Sonam Bajwa, Shaad Randhawa, Karan Veer Mehra
Plot: A musical love story with dark shades of love exploring obsession, heartbreak, and deep emotional conflict
IMDB Rating: 5.0/10
कहानी एक नेता और अभिनेता के बीच शुरू होती है। दोनों ऑपोजिट जेंडर और कुदरत का कानून ही कुछ ऐसा है कि ऑपोजिट अट्रैक्ट कर ही जाते हैं सर। लड़के को है लड़की से बेशुमार मोहब्बत और लड़की ने लड़के की नफरत में ऐसा काम किया कि ताजमहल को भी मकबरा साबित कर दिया। एक तरफ दीवानियत है। दूसरी तरफ हैवानियत। सड़क में यह दोनों एक दूसरे के पीछे पड़े हैं। अब या तो मौत आ जाए या फिर सात जन्म के लिए यह दोनों एक दूसरे के गले पड़ जाएं। लेकिन इतना भी आसान नहीं है जितना दिखता है गुरु लड़का स्टेट का सीएम बनने वाला है और लड़की के दीवाने स्टेट तो क्या पूरे नेशन में भरे पड़े हैं और जब कैमरा के सामने इन दोनों का आमनासामना होगा वहां इंटरवल पे लड़की ने कुछ ऐसा बोल दिया यार जो बॉलीवुड के इतिहास में शायद कभी नहीं बोला गया होगा। दावे से बोल रही हूं मैं अगर यही फिल्म संदीप पांगा ने बनाई होती तो अब तक हजार वीडियो डालकर उनको ईमेल में गालियां लिखकर लोग घर तक छोड़कर आ चुके होते। थोड़ा सा कंट्रोवर्शियल तो है लेकिन वो डायलॉग फिल्म के थीम के साथ मैच कर जाता है।
क्योंकि लड़की नफरत में इतनी अंधी है कि खुद को जलाकर राख कर देगी लेकिन लड़के का तमाशा बनते देखकर हंस रही होगी। और हर्षवर्धन रानी किसी फिल्म में आए और अपने हाथों से बोतल का कांच तोड़कर खून ना बहाएं ऐसा कभी हुआ है आज तक इतिहास खुद को फिर से दोहराएगा क्या इस बार दिलवाला दुल्हनिया ले जाएगा। साफ बता रही हूं आपको इस फिल्म में कोई लॉजिक नहीं है। कोई कॉमन सेंस की बात नहीं होगी। इवन टीवी, सीरियल, शॉर्ट वीडियोस, रील्स जैसा फील भी आएगा बार-बार। उसके बावजूद मैं शर्त लगा सकती हूं आपके साथ। कुछ नहीं। बहुत सारे ऐसे लोग मिल जाएंगे आपको जो फिल्म देखकर रोएंगे, अपना सर पकड़ लेंगे शायद खुद को मारने पीटने लग जाए। इस फिल्म की जो टारगेट ऑडियंस है उसके हिसाब से सोचोगे ना तो पूरे 2 1/2 घंटे सिर्फ वही दिखाया गया है जो वो देखना चाहते हैं। दीवानियत, दीवानियत, दीवानियत। और सबसे ज्यादा हानिकारक कह लो या फिर असरदार बोल दो वो है इस फिल्म के गाने। एक शेर दूसरा सवा शेर एक चिंगारी जलाता है दूसरा उसको आग बना देता है। एक तो लिरिक्स जोरदार उस पे सिंगर वजनदार और कैमरा के सामने इन दोनों का टकरार उफ थिएटर में माहौल सा बन जाता है। आप बहक जाओगे और फिल्म के डायलॉग्स के तो क्या ही कहने मतलब 90% डायलॉग्स सिर्फ शायरी में बोले गए हैं और एक पॉइंट आएगा जब आप उसको एंजॉय करने लग जाओगे पता नहीं कैसे लेकिन वो खराब फील नहीं होते।
बाकी फिल्म का क्लाइमेक्स फिर से सदमा देगा आपको और 2ाई घंटे इतना तैयार कर दिया जाएगा उस आखिरी सीन के लिए कि ना चाहते हुए भी आप उसके साथ इमोशन ढूंढ लोगे। सयारा देखकर लोग आउट ऑफ कंट्रोल हो गए थे ना लेकिन सिर्फ वो खुद समझ सकते हैं ऐसा क्यों? वो सेम चीज रिपीट होने के 101% चांसेस हैं। बस जोश में होश मत खो देना। यह जो इंसान है ना इसका चेहरा ही इस तरह बनाया गया है। नजर हटा ही नहीं सकते आप। स्क्रीन पर सामने सोनम बाजवा हैं जिनके लोग महा दीवाने हैं, पागल हैं। लेकिन जैसे ही हर्ष स्क्रीन पर चल के आते हैं, आप सब कुछ भूल जाओगे। पता नहीं कैसे किया है। लेकिन इस एक्टर ने एक खुद का अलग रिश्ता बना लिया है लोगों के साथ जो कोई नहीं छीन सकता। एक-एक डायलॉग इनका दिल में छेद सा कर देगा और सामने से जो जवाब आते हैं उसकी वजह से आप और ज्यादा इस लड़के की तरफ खींचे चले जाओगे। वैसे दाद देनी पड़ेगी मिलाब जावेरी की। उन्होंने फर्स्ट हाफ के बाद सेकंड हाफ में ऐसा खेल खेला है कि समझ नहीं आता कि फिल्म का हीरो कौन था, विलेन कौन? शाबाश डायरेक्टर जी और सबसे अच्छा लगा शाद रंधावा को देखकर। बॉस आशिकी 2 में ऐसा रोल करने के बाद गायब ही हो गए थे।
आज इनको देखा तो पुराना बॉलीवुड याद सा आ गया। तो बॉस यह फिल्म या तो आपको जीरो स्टार लगेगी, क्रिंज कह सकते हो, इलॉजिकल छपरी बोल सकते हो। लेकिन जिसने फील कर लिया ना उसको कोई लेना देना नहीं किसी चीज से। वो एक-एक सीन को खुद की जिंदगी की तरह सेलिब्रेट करेगा। मेरे लिए इन दोनों के ठीक बीच में है दो स्टार्स पे। एक पूरा का पूरा सिर्फ हर्षवर्धन राणे के लिए। जबजब मौका मिलेगा यह रुकेगा नहीं। प्लीज एक बार तैश और दंगे देख लो फैन हो जाओगे। दूसरा सॉन्ग्स अच्छे हैं। डायलॉग्स कुछ-कुछ काफी मस्त और वो हीरो विलन राइटिंग से कंफ्यूज कर दिया अच्छा वाला। नेगेटिव्स थोड़ा आउटडेटेड पुराने जमाने जैसी फिल्म मेकिंग दूसरा स्क्रीनप्ले स्लो है। छोटी सी कहानी लंबी खींच दी। और पर्सनली मुझे लगता है इस रोल में कोई नया फ्रेश चेहरा आता तो फील दुगना बढ़ जाता। दिवाली पर फैमिली को ले जाना है तो थामा बढ़िया है। लेकिन खुद अपनी जिंदगी में पीछे लौट के जाना है तो हर्षवर्धन का हाथ पकड़ लो।


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